क्या बोलू यार तुमसे ,बोलुंगा तो कहोगी र्सिफ मेरे जिस्मो से प्यार है मेरे से ही नहीं।
पगली ये तू क्यो नही समझती है कि क्या मै तेरे जज्बात से प्यार नहीं करता ,
क्या मै तेरे बातो से प्यार नही करता ,
क्या मै तेरे इरादों से प्यार से नहीं करता ।।
जिस्म तो मात्र नजरीया है ,क्या मैं तेरे ख्यालों से प्यार नही करता।।।
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