Skip to main content

दुनिया रोटी के लिए जीती

दुनिया रोटी के लिए जीती है सैहब,जिस दिन रोटी खत्म उस दिन दुनिया खत्म‌।

The world lives for bread, sir, the day the bread ends, the world ends.



Comments

Popular posts from this blog

Respect and success ( इज्जत और क़ामयाबी)

  इज्जत और क़ामयाबी दोनों संभाल कर रखना चाहिए क्योंकी दोनों अगर नीचे गिरे तो फिर से कमाना बहुत मुश्किल हो जाता है। Respect and success must be maintained because if both fall down, it becomes very difficult to earn again

प्यार के बिना क़ामयाबी भी अधूरी सी लगती है।

  कितने भी कामयाब  हो जाओ अगर जिंदगी में प्यार नही है तो कामयाबी का कोई फायदा नहीं, क्योकी प्यार के बिना क़ामयाबी भी अधूरी सी लगती है।

शिकायत

  जिंदगी की शिकायत ना करो ग़ालिब,  शिकायते बहुत खुद्दार होती है। शिकायत करनी है तो ,खुद की करो साहब क्योकि  शिकायते बहुत वफादार होती है।।